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ज्योतिषी उपाय करके क्या आप अपने कर्मों के फल से बच सकते हैं। आइए जाने आचार्य अमरनाथ गोस्वामी जी से।

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ज्योतिषी उपाय करके क्या आप अपने कर्मों के फल से बच सकते हैं।आइए जानें आचार्य अमरनाथ जी से।
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दोस्तों शास्त्रों में इस पृथ्वी को मृत्युलोक भी कहा जाता है मृत्युलोक मतलब एक ऐसा लोग जहां कोई भी प्राणी अमर नहीं हो सकता अर्थात जिसने जन्म लिया है उसका अंत निश्चित है इस धरा पर प्रत्येक मनुष्य किसी ना किसी कारणवश दुखी है कोई तन दुखी कोई मन दुखी कोई धन बिन रहत उदास थोड़े-थोड़े सब दुखी सुखी राम का दास अर्थात प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कोई ना कोई दुख सदैव लगा ही रहता है दोस्तों यह सुख और दुख इंसान के प्रारब्ध कर्मों से ही उसे प्राप्त होता है गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि कर्मों का फल कभी नष्ट नहीं होता अर्थात अच्छे कर्मों का फल अच्छा वह बुरे कर्मों का फल बुरा इंसान को प्राप्त अवश्य होता है ज्योतिष सिर्फ एक आईना है जो यह बताता है कि इंसान को अच्छे कर्मों का फल कब मिलेगा व कब बुरे कर्मों का।।
अच्छा समय तो इंसान का शीघ्र बीत जाता है लेकिन बुरे समय में इंसान विचलित हो जाता है वह इस कष्ट से मुक्ति पाने के लिए तरह-तरह के उपाय खोजता है वह बड़े बड़े से बड़े ज्योतिषियों के पास अपनी जन्म कुंडली का अध्ययन कराने पहुंच ता है और ज्योतिष आचार्य जी उस बेचारे इंसान को राहु केतु शनि का भय दिखा कर उसको जप, शांति ,पूजा पाठ बता कर उस से मोटी रकम वसूलते हैं प्रत्येक मनुष्य ज्योतिषाचार्य के बताए उपायों को करने में समर्थ नहीं होता और वह परेशान होता है दोस्तों सच्चाई तो यह है कि जो बुरे कर्मों का फल है वह तो हमें भोगना ही होगा जप शांति पूजा यह तो मात्र एक छाते के समान है बारिश हो रही है और हम बारिश से बचे रहे इसके लिए ज्योतिषाचार्य हमे एक छाता देते हैं इससे बचने का एकमात्र उपाय है भगवत भक्ति अर्थात ईश्वर की शरण तो क्या ईश्वर की शरण में जाने से पूर्व जन्म के बुरे कर्मों को नहीं भोगना होगा?
नहीं दोस्तों कर्मों का फल तो भोगना ही होगा लेकिन ईश्वर भक्ति से हमें इतनी शक्ति प्राप्त हो जाएगी कि हम उस दुखों को आसानी से पार कर जाएंगे जिस प्रकार जब बारिश होती है तो जो लोग रेनकोट पहनकर या छाता लेकर निकलते हैं वह बारिश से बचे रहते हैं इससे बारिश नहीं रुकती लेकिन रेनकोट व छाते की वजह से हम भीगने से बच जाते हैं ठीक उसी प्रकार ईश्वर की भक्ति प्रार्थना आराधना हमें दुख के समय को काटने के लिए छाते या रेनकोट का कार्य करता है आगे से हम दुखों में और ज्यादा धन बर्बाद करने से अच्छा ढोंगी बाबाओं के चक्कर लगाने से अच्छा ईश्वर की शरण में जाएं क्योंकि वह ईश्वर ही सर्वशक्तिमान है तो दोस्तों आज का वीडियो में यहीं समाप्त करता हूं और आशा करता हूं कि आप लोग भी मुझे अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से भेजें ताकि हमारी चर्चा इसी प्रकार अनवरत चलती रहे तो आज मैं अपनी वाणी को यहीं विराम देता हूं ।।
नमस्कार🙏🙏

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