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"गुरु गोविंद सिंह: सिख धर्म के अमर योद्धा" #gurugovindsingh #anupamgyan #बिहार

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"गुरु गोविंद सिंह: सिख धर्म के अमर योद्धा" #gurugovindsingh #anupamgyan #बिहार

"गुरु गोविंद सिंह: सिख धर्म के अमर योद्धा" #gurugovindsingh #anupamgyan #बिहार

*गुरु गोविंद सिंह* (जन्म: 22 दिसंबर 1666, पटना, बिहार, भारत - मृत्यु: 7 अक्टूबर 1708, नांदेड़, महाराष्ट्र, भारत) सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने न केवल धार्मिक नेतृत्व किया, बल्कि वे एक महान योद्धा, कवि, और दार्शनिक भी थे। यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं उनके जीवन की:

1. *खालसा की स्थापना**: गुरु गोविंद सिंह ने **खालसा* की स्थापना की, जो एक विशेष सिख समुदाय है जो अलग नियमों का पालन करता है। खालसा के पांच नियम हैं: **केश (बिना कटाए बाल), कड़ा (लोहे की कड़ी), कंगा (लकड़ी की कंघी), कच्चेरा (कॉटन की अंडरवियर), और किरपान (तलवार)**।

2. **आध्यात्मिक और सैन्य नेतृत्व**: वे केवल आध्यात्मिक नेतृत्व ही नहीं करते थे, बल्कि वे एक योद्धा भी थे।

3. *दसम ग्रंथ**: उन्होंने कई प्रार्थनाएं और गीत रचे, जो **दसम ग्रंथ* में शामिल हैं। कुछ प्रमुख रचनाएं हैं: **जाप साहिब, चंडी दी वार, और जफरनामा**।

4. **धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा**: उन्होंने धार्मिक उत्पीड़न और न्याय के खिलाफ खड़े होकर अपने पिता, गुरु तेग बहादुर, की बलिदान की।

5. *खालसा फौज की स्थापना**: उन्होंने सिखों की रक्षा के लिए **खालसा फौज* की स्थापना की।

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