
जन्मकुंडली घर बैठे देखना सीखे। part- 2 आसान तरीका समझिए जानिए। आचार्य अमरनाथ गोस्वामी जी से।
जन्मकुंडली घर बैठे देखना सीखे। आसान तरीका समझिए जानिए। आचार्य अमरनाथ गोस्वामी जी से।अपनी जन्मकुंडली घर बैठे देखना सीखे। आसान तरीका समझिए जानिए। आचार्य अमरनाथ गोस्वामी जी से।नमस्कार दोस्तों ,स्वागत है आपका मेरे चैनल jyotish & Educational Gyan चैनल पर ।इस चैनल पर आप ज्योतिष और आध्यात्मिक शिक्षा से संबंधित वीडियो देख सकेंगे। दोस्तों यहां आपको घर बैठे ज्योतिष सिखने का मौका मिलेगा एवं अलग अलग तरह के आध्यात्मिक ज्ञान धर्म, आध्यात्म,भक्ति तथा सनातन धर्म से संबंधित वीडियो आप यहाँ देख पायेंगे ।अगर ये सारी चीजें आप देखना चाहते हैं तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और बेल आइकन के बटन को दबाएं ताकि नया विडियो सबसे पहले आपको देखने को मिले। धन्यवाद ।।नमस्कार दोस्तो।ज्योतिष एंड एजुकेशनल ज्ञान चैनल पर आप सबका स्वागत है।
उद्यमेन ही सिध्यन्ती कार्याणि ना मनोरथ नहीं अर्थात कोई मेहनत के बिना पूरा नहीं किया जा सकता सिर्फ सोचने भर से कार्य नहीं होते उनके लिए प्रयत्न भी करना पड़ता है कभी भी सोते हुए शेर के मुंह में हिरन खुद नहीं ए जाता उसे शिकार करना पड़ता है नमस्कार दोस्तों हाजिर हूं मैं आपके अपने ज्योतिष वी एजुकेशनल ज्ञान चैनल पर ज्योतिष सीखने की इस श्रृंखला में मैं आपको सर्वप्रथम ग्रहों की जानकारी दे रहा हूं पिछले वीडियो में मैंने सूर्य चंद्रमा से संबंधित जानकारी दी थी आज उसी से आगे बढ़ते हुए मैं मंगल वी बुद्ध ग्रह की संपूर्ण जानकारी देने जा रहा हूं है अगर आपने मेरा पहले वाला वीडियो नहीं देखा है तो मैं उसे वीडियो का लिंक इस वीडियो के अंत में दे दूंगा पहले आप उसे वीडियो को जाकर अवश्य देख दोस्तों जन्म कुंडली वह आईना है जो व्यक्ति के भविष्य में घटने वाले शुभ वी अशुभ घटनाओं को दिखाता है लेकिन यह बातें जानने के लिए हमें ज्योतिष का ज्ञान होना अति आवश्यक है जिससे की हम अपनी जन्म कुंडली का अध्ययन घर बैठे कर सके तो चलिए शुरू करते हैं आज सर्वप्रथम बात करते हैं मंगल ग्रह की दोस्तों मंगल को कल पुरुष का पराक्रम माना गया है ग्रह परिषद में इसे सेनापति का पद प्राप्त है ज्योतिषी मतानुसार यह लाल वर्ण युवावस्था पर्लिंग क्षत्रिय जाती तमोगुण अग्नि तत्व पितृ प्रकट प्रकृति उग्रह स्वभाव रात्रि बाली महेश वहां तथा दृश्य दिशा का स्वामीविश्वास बाल रक्त देश प्रेम क्रोध घृणा उत्तेजना झूठ तथा शास्त्र विद्या का अधिपति माना गया है मनुष्य शरीर में पेट से पीठ तक का भाग नाक कान फेफड़े तथा शारीरिक शक्ति मंगल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं या भाई-बहन लाल रंग की वस्तुएं तथा धातुएं तांबा स्वर्ण मिट्टी कृषि मूंगा मदिरा केसर कस्तूरी शास्त्र भूमि रक्तस्राव शास्त्र संचालन duracharan अनुशासन प्रियता प्रशासनिक योग्यता राजनीतिक नेतृत्व वैज्ञानिक अध्ययन अनुसंधान दुर्घटना शास्त्र निर्माण विद्युत शक्ति एवं सी विषयों तथा पदार्थ का प्रतिनिधि हैरक्त विकार कमी है ज्वार चेचक खसरा महामारी तथा संक्रामक रोगों आदि के संबंध में इसी से विचार करना चाहिए मंगल के अशुभ होने पर इन रोगों तथा विकारों के होने की संभावना रहती है यह ऋण का भी प्रतिनिधित्व करता है या ग्रह समय-समय पर बकरी मार गीत तथा अस्त होता रहता है इसकी swarasiya में तथा दृश्य मकर राशि में उच्च सस्ता कर्क राशि में अंतर को रस संभावना जाता है या अपने वॉर रात्रि के प्रारंभिक भाग तथा दशम भाव में बाली होता है सूर्य चंद्र तथा बृहस्पति यह तीनों मंगल के नैसर्गिक मित्र हैं शुक्र तथा शनि से या संभव रखता है एवं बुद्ध राहु तथा केतु इसके शत्रु हैं मंगल जिस भाव में बैठा हुआ होता है वहां से चतुर्थ सप्तम भाव को देखता है मंगल की गणना अशोक पाप ग्रहों में की जाती है या पूर्व दिशा में उदित होकर पश्चिम दिशा में अस्त होता है इसे सत्व बाल तथा पराक्रम का प्रति माना गया है या भाई-बहन का कारक है यह जातक के जीवन में 28 से 32 वर्ष की आयु में अपना शुभ अथवा अशुभ प्रभाव प्रकट करता है पीड़ा एवं दोष के निवारण मूंगा धारण करना चाहिए मृगसीरा धनी स्टार तथा चित्रा इसके अपने नक्षत्र है अब दोस्तों बात करते हैं सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध की बुध को कल पुरुष की वाणी माना जाता है ग्रह परिषद में इसे राजकुमार का पद दिया वाणी विद्या तथा बुद्धि का प्रतीक है ज्योतिषी मत अनुसार यह दूर्वा के समान हरे वर्ण वाला बाल अवस्था वाला नपुंसक लिंग पृथ्वी तत्व मिश्र स्वभाव का तथा उत्तर दिशा का स्वामी तथा गणित का अधिपति माना गया है मनुष्य शरीर में कंधे से लेकर ग्रीवा तक इसका अधिकार क्षेत्र है या मुख नासिक दाढ़ी कंपन आदि का प्रतिनिधित्व करता है या कूटनीतिज्ञ तार के ज्योतिषी लेखक संपादक प्रकाश अभिनेता वैज्ञानिक गणितज्ञ अध्याय चिकित्सा खिलाड़ी शिल्पी तथा युक्ति कुशल आदि बुद्धिजीवी वर्ग का अधिपति है डाक तार विभाग प्रतिभा तर्क मूर्ति कला तथा बीमा आदि के कार्य इसी के अधीन माने गए हैं मंगल गुरु तथा शनि से यह संभव तथा चंद्रमा से शत्रुता रखता है यह जातक के जीवन पर प्राय 32 से 35 वर्ष की अवस्था में शुभा- सुप्रभात करता है इसके द्वारा भाई मामा मित्र चाचा भतीजा बुद्धि चतुर्वेदी के संबंध में विशेष विचार किया जाता हैI
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